हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,चेहल्लुम पर कर्बला में इमाम हुसैन सहित 72 शहीदों को याद किया गया वाराणसी से आए मौलाना नदीम असगर ने मजलिस को संबोधित किया। मजलिस बाद विभिन्न शहरों से आए शायरों ने रात भर कलाम पढ़े। अंजुमन इमामिया ने ताबूत व अलम का जुलूस उठाकर करबला पहुंचाया गया।
शहीदों की याद में चेहल्लुम पर कस्बा के हाता बाजार मोहल्ला स्थित महमूद अहसन के इमामबाड़े में रविवार रात आयोजित मजलिस को संबोधित करते हुए मौलाना नदीम ने कहा कि शासक यजीद का कोई नामलेवा नहीं है। जबकि इमाम हुसैन सहित 72 शहीदों को पूरे विश्व में गम मनाते हुए उन्हें याद किया जाता है।
मेरठ से आए शायर फकरी, मुजफ्फर नगर से खुर्शीद, सुल्तानपुर के वकार, उतरौला के इफहाम, मौरावां के शायर रजा ने अपने कलामों से करबला में शहीदों के ऊपर ढाए गए जुल्मों को याद कर गम मनाया संचालन जाहिद काजमी ने किया।
सोमवार सुबह इमामबाड़ा में आयोजित मजलिस के बाद अंजुमन इमामिया ने ताबूत, अलम व ताजिए का जुलूस निकाला।
जो बाकरगंज, पीरजादगान, सैय्यदवाड़ा, राहतगंज बाजार, टिकुली, सरॉय खुर्रम आदि मोहल्लों से होता हुआ कस्बा से बाहर स्थित करबला पहुंचा। जहां ताजिए सुपुर्दे खाक किए गए।